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ओट्टावा: कनाडाई मीडिया में भारत को बदनाम करने वाली रिपोर्ट पर नई दिल्ली की फटकार के बाद कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार लाइन पर आ गई है। कनाडा सरकार ने बयान जारी कर उस रिपोर्ट को खारिज किया है, जिसमें कनाडा में (निज्जर हत्याकांड) आपराधिक गतिविधि के मामले में पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का नाम लिया गया था। हालांकि, कनाडा ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह को लेकर चुप्पी साध रखी है। अमेरिकी मीडिया ने कनाडाई मंत्री के हवाले से अमित शाह के बारे में रिपोर्ट की थी।कनाडा के प्रिवी काउंसिल ऑफिस प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार के हस्ताक्षर वाला बयान जारी कर कहा है कि कनाडा सरकार पीएम मोदी, जयशंकर और अजीत डोभाल को कनाडा में किसी भी आपराधिक गतिविधि के पीछे नहीं मानती है। कनाडा सरकार ने रिपोर्ट को 'अटकलबाजी और गलत' बताते हुए कहा है कि उसे ऐसे किसी सबूत की जानकारी नहीं है कि मोदी को ऐसी किसी गंभीर आपराधिक गतिविधि की जानकारी थी।
कनाडा ने बयान में क्या कहा?
कनाडा की प्रिवी काउंसिल की ओर से जारी बयान में कहा गया, '14 अक्टूबर को, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और निरंतर खतरे के कारण, RCMP और अधिकारियों ने भारत सरकार के एजेंटों द्वारा कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधि के सार्वजनिक आरोप लगाने का असाधारण कदम उठाया। कनाडा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या एनएसए डोभाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने के सबूत नहीं बताए हैं, न ही उसे इसकी जानकारी है।'
भारत ने कहा है बदनाम करने वाला अभियान
इसके पहले भारत ने भारत ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में कनाडाई मीडिया में आई खबरों को 'बदनाम करने वाला अभियान' करार दिया था। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ऐसे अभियान से दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी आएगी और इस तरह के 'हास्यास्पद' आरोपों को सिरे से खारिज कर देना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को कहा कि हम आम तौर पर मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी नहीं करते हैं। हालांकि, एक कनाडाई सरकारी स्रोत द्वारा कथित तौर पर एक अखबार को दिए गए ऐसे हास्यास्पद बयानों को उसी अवमानना के साथ खारिज किया जाना चाहिए जिसके वह हकदार हैं। इस तरह के बदनाम करने वाले अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं।
कनाडाई मीडिया में अभियान
कनाडा स्थित ग्लोब एंड मेल ने अपनी एक रिपोर्ट में आतंकवादी हरदीप निज्जर की हत्या और भारत सरकार के बीच संबंध स्थापित करने का प्रयास किया था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी निज्जर की हत्या की साजिश के बारे में जानते थे।
कनाडा और भारत के संबंधों में तनाव
कनाडा के साथ भारत के संबंधों में पिछले कुछ महीनों में काफी तल्ख हुए हैं। भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद और हिंसा की संस्कृति और भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और कनाडाई अधिकारियों से इन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि पिछले साल कनाडा में हुई खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ था। भारत लगातार कनाडा के आरोपों का खंडन किया है। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया था। इसके अलावा, भारत ने कनाडा पर अपने देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह देने का आरोप भी लगाया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
कनाडा ने बयान में क्या कहा?
कनाडा की प्रिवी काउंसिल की ओर से जारी बयान में कहा गया, '14 अक्टूबर को, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और निरंतर खतरे के कारण, RCMP और अधिकारियों ने भारत सरकार के एजेंटों द्वारा कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधि के सार्वजनिक आरोप लगाने का असाधारण कदम उठाया। कनाडा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या एनएसए डोभाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने के सबूत नहीं बताए हैं, न ही उसे इसकी जानकारी है।'भारत ने कहा है बदनाम करने वाला अभियान
इसके पहले भारत ने भारत ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में कनाडाई मीडिया में आई खबरों को 'बदनाम करने वाला अभियान' करार दिया था। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ऐसे अभियान से दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी आएगी और इस तरह के 'हास्यास्पद' आरोपों को सिरे से खारिज कर देना चाहिए।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को कहा कि हम आम तौर पर मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी नहीं करते हैं। हालांकि, एक कनाडाई सरकारी स्रोत द्वारा कथित तौर पर एक अखबार को दिए गए ऐसे हास्यास्पद बयानों को उसी अवमानना के साथ खारिज किया जाना चाहिए जिसके वह हकदार हैं। इस तरह के बदनाम करने वाले अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं।
कनाडाई मीडिया में अभियान
कनाडा स्थित ग्लोब एंड मेल ने अपनी एक रिपोर्ट में आतंकवादी हरदीप निज्जर की हत्या और भारत सरकार के बीच संबंध स्थापित करने का प्रयास किया था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी निज्जर की हत्या की साजिश के बारे में जानते थे।कनाडा और भारत के संबंधों में तनाव
कनाडा के साथ भारत के संबंधों में पिछले कुछ महीनों में काफी तल्ख हुए हैं। भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद और हिंसा की संस्कृति और भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और कनाडाई अधिकारियों से इन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि पिछले साल कनाडा में हुई खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ था। भारत लगातार कनाडा के आरोपों का खंडन किया है। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया था। इसके अलावा, भारत ने कनाडा पर अपने देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह देने का आरोप भी लगाया था।(एजेंसी इनपुट के साथ)
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